शेयर मार्केट हर दिन करोड़ों लोग ट्रैड करते है। ट्रेडर प्रॉफिट और लॉस दोनों का अनुभव करते है। हर दिन लाखों लोग शेयर मार्केट में ट्रैड करने आते है। पुराने ट्रेडर अपना प्रॉफिट कुछ ही मिनट में बुक करते है और नए ट्रेडर प्रॉफिट के लिए संघर्ष करते है। ज्यादातर नए ट्रेडर लॉस करते है इसका एक ही कारण है जानकारी का आभाव। इस में हम जानेंगे शुरुआती लोगों के लिए कौन सा ट्रेडिंग सबसे अच्छा है?
Type of trading in share market
शेयर मार्केट में मुख्यतः चार प्रकार के ट्रैड होते है। 95% लोग इन्ही 4 में से किसी पर ट्रेड करते है। 4 Type of trading:
- इंट्राडे ट्रेडिंग,
- स्विंग ट्रेडिंग,
- फ्यूचर एंड ऑप्शन,
- लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग
1. इंट्राडे ट्रेडिंग
इसे डे ट्रेडिंग भी कहते है क्यूंकि इस ट्रेड में ट्रेडर सुबह 9:15 के बाद शेयर खरीदते है और शाम 3:20 से पहले शेयर को बेच देता है। इस ट्रेड में ब्रोकर अनेक सुविधाएँ देता है। इंट्राडे में कई फायदे भी है, जिसे आगे विस्तार से बताया जाएगा।
2. स्विंग ट्रेडिंग क्या है?
जिस ट्रेडर को शेयर मार्केट का फंडामेंटल और चार्ट पैटर्न का अच्छा ज्ञान हो, उसके लिए स्विंग ट्रेडिंग अच्छा है। इसमें ट्रेडर किसी कंपनी के शेयर का फंडामेंटल और चार्ट पैटर्न को एनालिसिस करता है। उसके बाद शेयर को खरीद कर कुछ दिन से लेकर कुछ महीने तक होल्ड करता है। जब ट्रेडर को मन चाहा प्रॉफिट मिल जाता है, तो वह शेयर को बेच कर प्रॉफिट कमा लेता है। इसमें पैसा और समय दोनों इंट्राडे से ज्यादा लगता है।
3. फ्यूचर एंड ऑप्शन क्या है?
शेयर मार्केट में फ्यूचर और ऑप्शन को सबसे ज्यादा प्रॉफिट देने वाला ट्रेड माना जाता है। यह नए लोगो के लिए बिलकुल नहीं है क्यूंकि इसमें काफी रिस्क होता है। अगर आपने गलती से गलत ट्रेड में एंट्री कर ली तो आपका पैसा जीरो भी हो सकता है।
4. लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग क्या है?
लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करने के लिए आपको बहुत कुछ सीखना पड़ेगा। एक अच्छा बिजनेसमैन या जिसे बिजनस का अच्छा ज्ञान हो, जो कंपनी का फंडामेंटल, बैलेंसशीट एनालिसिस और फ्यूचर की डिमांड को समझता हो, वही व्यक्ति लॉन्ग टर्म का सफल इन्वेस्टर बनता है।
लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट कुछ महीने या साल के लिए नहीं होता बल्कि यह कम से कम 5 साल से लेकर कई दशक के लिए होता है।
शुरुआती लोगों के लिए कौन सा ट्रेडिंग सबसे अच्छा है?
ट्रेडिंग के चार तरीको का ओवरव्यू ऊपर दिया गया है। यदि आप भी ट्रेडिंग शुरू करना चाहते है, तो आपके लिए इंट्राडे ट्रेडिंग सबसे बेहतर होगा। इसके कई कारण जिसे नीचे बताया जाएगा।
1. कम पूंजी से शुरू करें
यदि आप स्विंग, लॉन्ग टर्म, ऑप्शन शुरू करना चाहते है, तो आपको ज्यादा पैसे की जरुरत होती है। इंट्राडे ट्रेडिंग कम पूंजी के साथ शुरू किया जा सकता है। इसमें ब्रोकर विशेष छूट देता है।
अन्य ट्रेडिंग करने के लिए या प्रॉफिट का नुभव करने के लिए कम से कम 10 से 50 हजार की जरुरत होगी। इंट्राडे ट्रेडिंग आप 100 रूपए से भी शुरू कर सकते है। जब आप प्रॉफिट कमाना सीखे जाएँ, तो पूंजी बड़ा कर सकते है। लेकिन अन्य ट्रेडिंग में एंट्री करने के लिए आपको हजारो रूपए लगेंगे। जिससे लॉस भी बड़ा होता है और लोग शेयर मार्केट में ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाते।
2. 5x का मार्जिन और प्रॉफिट
इंट्राडे में सभी ब्रोकर 5x का मार्जिन देता है। इससे आप अपने पूंजी का 5 गुना ज्यादा ट्रैड कर सकते है। उदाहरण के लिए यदि किसी ट्रेडर के पास 10 हजार रूपए है, तो वह 50 हजार रूपए का ट्रैड कर सकते है। 50 हजार में आप जितना प्रॉफिट कमाते वह आपका होगा। 5x मार्जिन मिलने के कारन आप कम पूंजी में ज्यादा प्रॉफिट कमा सकते है।
3. कम चार्ज
इंट्राडे में ब्रोकर अन्य ट्रैड के तुलना में कम चार्ज कटता है। सबसे ज्यादा चार्ज लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट और स्विंग ट्रेडिंग में लगता है। ऑप्शन ट्रेडिंग में भी बहुत चार्ज लग जाता है। आप इसे यहाँ से चेक कर सकते है: क्लिक करें
4. कम रिस्क
इंट्राडे में अन्य ट्रैड के अलावे रिस्क बहुत कम होता है। अन्य ट्रैड में एक गलत न्यूज़ आपका पूंजी आधा कर सकता है। इसके विपरीत इंट्राडे कुछ घंटो का होता है। शेयर ख़रीदा और प्रॉफिट होने पर बेच दिया। इसके लिए आपको डेली न्यूज़ चैनलों के सामने समय नहीं देना पड़ता है।
5. कंपनी लॉस में ट्रेडर प्रॉफिट में
इंट्राडे ट्रेडर शेयर की कीमत बढ़ने और घटने दोनों ही स्थिति में प्रॉफिट कमा सकता है। क्यूंकि इंट्राडे में शार्ट सेल्लिंग की सुविधा भी दी जाती है। शार्ट सेल्लिंग में शेयर की प्राइस गिरने पर प्रॉफिट होता है।
शार्ट सेल्लिंग: जब ट्रेडर समझता है की शेयर की प्राइस नीचे जाने वाली है तो ट्रेडर शेयर करंट प्राइस बेच देता है और जब कीमत कम होता है, तो कम कीमत पर शेयर खरीद लेता है। जैसे ट्रेडर को लग रहा है की टाटा स्टील की कीमत अब नीचे जाने वाली है तो उसने करंट प्राइस 182 में 200 शेयर बेच दिया और जब शेयर प्राइस 176 आया तो 200 खरीद लिया। 182-176= 6 रूपए का पर फायदा हो गया। 200*6= 1200 रूपए का टोटल फायदा।
6. कम लोस
शेयर मार्केट में बहुत ज्यादा प्रॉफिट और लॉस दोनों की सम्भावना होती। इंट्राडे में अन्य ट्रैड के तुलना में लॉस लिमिटेड और कम होता है। यहाँ ट्रेड में एंट्री लेते वक्त ही स्टॉपलॉस की सुविधा मिलती है। यदि आप स्टॉपलॉस लगते है तो आपका लॉस लिमिट में होगा।
FAQ: शुरुआती लोगों के लिए कौन सा ट्रेडिंग सबसे अच्छा है?
Bullishweb.com पर आपके सरे सवालों के जवाब हिंदी में मिलते है। यदि आप शेयर मार्केट में नए है, तो आपको ब्लॉग के अन्य आर्टिकल को जरूर पढ़ना चाहिए। यहाँ शुरू से स्टेप वाइज सभी जरुरी बातें जान सकते है।
मुझे किस ट्रेडिंग से शुरुआत करनी चाहिए?
यदि आप शेयर मार्केट में नए है, तो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग से शुरू करना चाहिए। इंट्राडे कम पैसे से शुरू होता है इसके कारन आपको लॉस भी कम होता है। इंट्राडे में जब आप प्रॉफिट कमाना सिख जाते है तो आपको अन्य ट्रैड को तरय करना चाहिए।