शॉर्ट सेलिंग क्या है: Short selling kya hai in hindi 2024

शेयर बाजार में शेयर की कीमत बढ़ता है, तो प्रॉफिट होता है। यह सभी जानते है लेकिन मार्केट गिरते शेयर से भी प्रॉफिट कमाने का मौका देता है, इसे शार्ट सेल्लिंग कहते है। आज इस आर्टिकल में शेयर मार्केट में शार्ट सेल्लिंग क्या है? (Short selling kya hai) इससे फायदा कैसे होता है। इस अच्छे से बताया गया है।

शार्ट सेल्लिंग क्या होता है? Short sell kya hota hai

शार्ट सेल्लिंग को शॉर्टिंग या सिर्फ शार्ट भी कहा जाता है। यह ट्रेडिंग का एक तरीका है। इसमें आप शेयर की कीमत गिरने पर प्रॉफिट कमाते है। यह उस समय किया जाता है, जब ट्रेडर को लगता है, शेयर की कीमत कम होने या गिरने वाली है। इसमें ब्रोकर की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इसमें ट्रेडर ब्रोकर से शेयर उधार लेता है। शेयर वर्त्तमान के ऊँचे कीमत पर बेच देता है। इसके बाद शेयर की कीमत गिरने पर ट्रेडर शेयर सस्ते में खरीद लेता है। शेयर सस्ते में कर ब्रोकर को वापस दे दिया जाता है।

शॉर्ट सेलिंग उदाहरण: shorting a stock example

इसे एक समान्य उदाहरण से समझते है। विनय एक दलाल है, जो फ्लैट बिकवाने का काम करता है। वह बिल्डर से एक फ्लैट की कीमत पूछता है, बिल्डर फ्लैट की कीमत 10 लाख बताता है।

वह मार्केट में फ्लैट खरीदने वालों को खोजता है। उसे एक बयार मिलता है। विनय कस्टमर को फ्लैट दिखता है। फ्लैट की लोकेशन की तारीफ करता है। कस्टमर इंट्रेस्टेड होने पर उसके हाव-भाव को टटोलता है और कीमत पूछने पर 12 लाख बताता है।

कस्टमर फ्लैट खरीदने के लिए राजी हो जाता है। वह कस्टमर से 2 लाख एडवांस लेकर पेपर वर्क शुरू करता है। विनय 2 लाख बिल्डर को देकर पेपर वर्क पूरा कर लेता है।

पेपर वर्क पूरा होने पर विनय कस्टमर से 10 लाख पैसा ले कर फ्लैट की चाबी दे देता है। इसके बाद विनय बिल्डर को 8 लाख पैसा देकर काम को पूरा कर देता है। इसमें विनय को 2 लाख का प्रॉफिट होता है।

पेपर वर्क पूरा होने पर विनय कस्टमर से 10 लाख पैसा ले कर फ्लैट की चाबी दे देता है। इसके बाद विनय बिल्डर को 8 लाख पैसा देकर काम को पूरा कर देता है। इसमें विनय को 2 लाख का प्रॉफिट होता है।

यह उदाहरण हम मार्केट में हमेशा देखते है। यह शार्ट सेल या शॉर्टिंग का एक उदाहरण है। इसमें विनय ने पहले फ्लैट ऊँचे कीमत में बेचा, फिर कम कीमत में बिल्डर से ख़रीदा। पहले 12 लाख में कस्टमर को बेचा और बाद में 10 लाख में बिल्डर से ख़रीदा। इसमें विनय को 2 लाख का प्रॉफिट हुआ।

शॉर्ट पोजीशन कब लेना है?

शेयर मार्केट में शेयर की कीमत बहुत अस्थिर होती है। यहाँ शेयर की कीमत पल-पल में बढ़ती-घटती रहती है। जब ट्रेडर अपने एनालिसिस से इस नतीजे पर पहुँचता है की, शेयर की कीमत कम होने वाली है। तब ट्रेडर शार्ट सेल्लिंग करने का पोजीशन लेता है। कई ट्रेडर शार्ट सेल करना ज्यादा पसंद करते है।

शॉर्ट सेलिंग कैसे करें? Short selling kaise kare

यदि आप शेयर मार्केट में शार्ट सेल्लिंग से कमाई करना चाहते है, तो आपके पास दो विकल्प है:

  1. इंट्राडे ट्रेडिंग
  2. फ्यूचर & ऑप्शन

1. इंट्राडे ट्रेडिंग

यदि आप कम समय में शार्ट सेल्लिंग करके पैसा कामना चाहते है, तो इंट्राडे आपके लिए बेस्ट है। इंट्राडे ट्रेडिंग में एक दिन का ट्रैड होता है। इसमें आपको सुबह शेयर खरीद या बेच कर, उसी दिन मार्केट बंद होने से पहले शेयर को बेचना या खरीदना पड़ता है। यदि आपको किसी कंपनी के शेयर में मंदी का संकेत मिल रहा है, तो आप इंट्राडे में शॉर्टिंग कर सकते है।

आप इंट्राडे में कुछ मिनट या कुछ घंटे में शॉर्टिंग करके कमाई कर सकते है। यह कम समय में पैसा कमाने का सबसे बेहतर तरीका है।

2. फ्यूचर & ऑप्शन

यदि आपका एनालिसिस लम्बे समय में मार्किट या किसी कंपनी के शेयर में मंदी के संकेत दे रहा है, तो आपको फ्यूचर एंड ऑप्शन में पुट (PUT) का पोजीशन लेना चाहिए। आप कॉल का पोजीशन बेच कर भी शॉर्टिंग कर सकते है।

फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) में आप कुछ दिन या कुछ महीने के लिए पोजीशन ले सकते है। आप इसमें इंट्राडे भी कर सकते है। F&O एक दिन, एक वीक, एक मंथ या तीन मंथ के लिए पोजीशन लिया जा सकता है। यदि आपका एनालिसिस सही साबित हुआ तो आप उच्च प्रतिशत में प्रॉफिट कमा सकते है।

जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने दुनिया के सामने एक रिपोर्ट पेश किया था। रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप का शेयर प्राइस तेजी से कम हो गया था। इससे हिंडनबर्ग को करोड़ों रूपए का फायदा हुआ था। यह फायदा F&O में पुट पोजीशन लेने के कारण हुआ था।

शॉर्टिंग के फायदे और नुकसान

शेयर मार्केट को रिस्क का मार्केट भी कहा जाता है क्यूंकि यहाँ फायदे और नुकसान दोनों होता है। बेहतर निर्णय लेने के लिए फायदा और नुकसान दोनों का जानकारी होनी चाहिए।

शार्ट सेल्लिंग के फायदे

  • बाजार के गिरने से सब डरते है, लेकिन शॉर्टिंग करने वाले इसका बेसब्री से इंतजार करते है क्यूंकि इससे उनको काफी प्रॉफिट होता है।
  • शार्ट सेल्लिंग में आपको हेजिंग करने का अवसर मिलता है, इससे आपको शॉर्टिंग में प्रॉफिट के साथ लॉन्ग टर्म का फायदा भी मिलता है।
  • यदि आपको किसी शेयर के बारे में नेगेटिव न्यूज़ मिल जाती है, तो आप रातों-रात प्रॉफिट कमा कर अपना आर्थिक स्थिति सुधार सकते है।

शॉर्टिंग के नुकसान

शेयर मार्केट में नुकसान भी होता है। शॉर्टिंग इससे अछूता नहीं है। शॉर्टिंग में भी लॉस होने की संभावना होती है।

  • यदि ट्रेडर का एनालिसिस गलत साबित होता है, तो प्रॉफिट के बदले लॉस का चेहरा देखना होगा।
  • यदि आप इंट्राडे में शॉर्टिंग करते है और मार्केट क्लोज होने तक ट्रेडर शेयर खरीद कर ब्रोकर को वापस नहीं करता, तो ट्रेडर को पेनल्टी लगता है। यह लॉस और प्रॉफिट दोनों ही स्थिति में लगता है।
  • यदि आप F&O में शॉर्टिंग करते है और आपका अनुमान गलत होता है, तो आपको बड़ा लॉस हो सकता है। F&O में इंट्राडे से ज्यादा प्रॉफिट और लॉस होता है।

FAQ: Short selling kya hai

Short सेल्लिंग के बारे में कुछ प्रश्न जो सभी के मन होता है तथा लोग मुझसे इंस्टाग्राम में पूछते है। इसका उत्तर में नीचे शार्ट में देने का प्रयास किया है।

शेयर मार्केट में शॉर्ट सेलिंग क्या होती है?

शार्ट सेल्लिंग कम होती हुई शेयर प्राइस से प्रॉफिट कमाने का एक तरीका है। शेयर मार्केट गिरते शेयर की कीमत से प्रॉफिट कमाने का मौका देती है। एक अच्छा टेक्निकल एनालिस्ट इससे काफी प्रॉफिट करता है।

शॉर्ट सेलिंग से पैसा कैसे बनता है?

जब ट्रेडर को लगता है की शेयर की कीमत कम होने वाली है। तो वह शॉर्टिंग को पोजीशन लेता है। यदि शेयर की कीमत अनुमान के मुताबिक गिरना शुरू करता है, तो ट्रेडर को फायदा होता है।

Hello friends, my name is Shubham Rakshit. I am a blogger and stock trader. I have been trading for many years and write my experience and trading knowledge on the blog. In this blog you will find answers to all questions related to trading in simple language.

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