7 सीक्रेट इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम: intraday trading rules in hindi

Intraday trading rules: लोग भारतीय शेयर मार्किट से पैसा कमाते है। शेयर मार्केट से पैसा कमाने के बहुत से तरीके है। इसमें से इंट्राडे और ऑप्शन काफी पॉपुलर है। इंट्राडे में रिस्क कम होता है। यह कम समय में पूंजी (capital) बढ़ाने का एक आसान तरीका है। लेकिन ज्यादातर लोग इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम नहीं जानते, जिसके कारण उनको लॉस होता है।

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इंट्रा डे ट्रेडिंग का परिचय

इंट्राडे ट्रेडिंग एक दिन का होता है, इसलिए इसे डे ट्रेडिंग भी कहते है। इसमें कंपनी का शेयर सुबह खरीद कर मार्केट बंद होने से पहले बेचना पड़ता है। डे ट्रेडिंग में शेयर को अगले दिन के लिए नहीं रखा जा सकता। डे ट्रेडिंग के शेयर को रात बार या अगले कुछ दिन तक रखने के लिए शेयर को डिलेवरी में बदलना होगा।

इंट्राडे में शेयर सुबह 9:15 के बाद खरीद कर दोपहर 3:20 से पहले नहीं बेचा जाता है। यदि कोई ट्रेडर 3:20 से पहले शेयर नहीं बेचता, तो ब्रोकर शेयर को 3:20 के मार्केट प्राइस पर बेच देगा। इसमें आपको प्रॉफिट हो या लॉस कोई फर्क नहीं पड़ता। इंट्राडे की दुनिया में इसे स्क्वायर ऑफ करना कहते है। कई ब्रोकर स्क्वायर ऑफ करने पर प्रति स्टॉक GST सहित 50 रूपए फीस लेते है।

इंट्राडे क्यों है खास?

इंट्रा डे ट्रेडिंग कई ट्रेडर को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसके कुछ प्रमुख कारण है:

1. इंट्राडे मार्जिन

इंट्राडे ट्रेडिंग लगभग 6 घंटे का ही होता है। इसी कारण ब्रोकर ट्रेडर को मार्जिन देता है। डे ट्रेडिंग के लिए यह मार्जिन 5x का होता है। इसका मतलब ट्रेडर को ट्रैड का मात्र 20% पैसा देना पड़ता है।

उदहारण के लिए मैं टाटा स्टील के शेयर में ट्रैड करना चाहते हूँ, जिसकी एक शेयर की कीमत 174.54 रूपए है। मैं 1000 शेयर में ट्रेड करना चाहता हूँ, तो इसकी कीमत ₹1,74,540 होती है। लेकिन इंट्राडे करने पर मुझे सिर्फ ₹34,908 पूंजी (Capital) की जरुरत होगी। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप अन्य शेयर की प्राइस और ट्रेड के लिए पूंजी को कैलकुलेट कर सकते है ।

2. शार्ट सेल्लिंग का कमाल

शेयर मार्केट में शेयर की कीमत बढ़ने पर प्रॉफिट होता और कीमत कम होने पर लॉस। यह बात सभी ने सुनी है, लेकिन इंट्राडे में शेयर की कीमत कम होने पर भी प्रॉफिट हो सकता है। ट्रेडिंग के इस तरीके को शार्ट सेल्ल करना कहते है।

शार्ट सेल्लिंग में ट्रेडर शेयर को पहले बेच देता है और बाद में खरीद लेता है। वास्तव में जब ट्रेडर कन्फर्म होता है, की शेयर की कीमत कम होने वाली है, तो ट्रेडर ऊँची कीमत पर शेयर बेच देता है और जब शेयर की कीमत कम होती है, तो शेयर खरीद कर ब्रोकर को दे देता है।

इंट्राडे ट्रेडर कैंडल चार्ट के पैटर्न को देख कर समझ जाता है, शेयर की कीमत कम होने वाला है या बढ़ने वाला है।

3. कम ब्रोकरेज चार्ज

इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर को अन्य ट्रैड से कम ब्रोकरेज और चार्जेस लगता है। इंट्राडे में ब्रोकरेज और चार्जेस अन्य ट्रैड से आधा या आधे से भी कम होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग में यह भी एक अडवांटेज है। आप इसे निचे बटन पर क्लिक करके चेक कर सकते है।

4. कम समय में ट्रैड

इंट्राडे कुछ घंटो के लिए किया जाता है। इसलिए ट्रेडर को घंटो कंपनी के फंडामेंटल, बैलेंसशीट, कोर्ट केस, न्यूज़ इत्यादि पर ज्यादा समय नहीं देना पड़ता है। इसमें ट्रेडर को बस कैंडल चार्ट को ध्यान से एनालिसिस करना पड़ता है और सायकोलोजी पर काम करते है।

जो ब्याज बैंक या एफडी एक साल में देता है, उसे सफल इंट्राडे ट्रेडर कुछ ही घंटो में कमा लेता है। बैंक या एफडी सुरक्षा की दृष्टि से अच्छा है।

इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?

इंट्राडे शुरू करना काफी आसान है। आपके पास बैंक अकाउंट, पैन कार्ड, आधार कार्ड और आधार से लिंक किया हुआ मोबाइल नंबर होना चाहिए। ये सब आपके पास है, तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग शुरू कर सकते है। नीचे प्रोसेस दिया गया है:

1. डीमैट अकाउंट ओपन करें

इंट्राडे शुरू करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए। डीमैट अकाउंट ब्रोकर के पास खुलवाना होता है। मार्केट में कई पॉपुलर ब्रोकर है, जैसे ग्रोव (Groww), ज़ेरोढा (Zerodha), एंगल वन (AngleOne), उपस्टेक्स, कोटक, धन इत्यादि। आप किसी एक में अकाउंट खोल सकते है।

अकाउंट खोलने का सारा प्रोसेस ऑनलाइन एप या वेबसाइट से होता है। प्रोसेस पूरा होने के 24 या 48 घंटा बाद अकाउंट एक्टिव हो जाता है।

2. अकाउंट में कैपिटल ऐड करें

ब्रोकर अकाउंट में पैसा ऐड करें। इसी पैसे से आप ट्रैड करेंगे। इसलिए ट्रैड के लिए जितना कैपिटल चाहिए उसे ऐड कर लें।

3. स्टॉक का चुनाव

इंट्राडे के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्टेप है सही स्टॉक का चुनाव करना। यह काम मार्केट खुलने से पहले करना ठीक होता है। अवश्य पढ़ें: इंट्राडे के लिए स्टॉक कैसे चुने?

4. ट्रेडिंग शुरू करें

इंट्राडिंग ट्रेडिंग शुरू करने के लिए डीमैट अकाउंट और पूंजी होना चाहिए। इसके बाद आप ट्रैड शुरू कर सकते है। अब आप इंट्राडे के लिए शेयर खरीदें और बेच सकते है। इसके अलाव और कुछ नहीं करना होता है। आप इंट्राडे के लिए पूरी तरह से तैयार है।

इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम: intraday trading rules in hindi

इंट्राडे ट्रेडिंग शुरू करना काफी आसान है, लेकिन प्रॉफिट कमाना मुश्किल। शुरुवाती लोगो के लिए प्रॉफिट कमाना काफी मुश्किल है। क्यूंकि नए ट्रेडर को इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम नहीं पता होता है। यदि नए ट्रेडर ये Intraday trading Rules जानेंगे, तो लॉस कम और प्रॉफिट ज्यादा की सम्भावना होगी।

Intraday trading rules: कैपिटल बचाना सीखें

यह इंट्राडे का पहला नियम है। इसमें आपको अपना पूंजी या कैपिटल बचाना सीखना है। स्टॉक मार्केट आसानी से पैसा कमाने नहीं देती। शुरुआती दिनों में लॉस ज्यादा होता है। शेयर मार्किट में ज्यादातर ट्रेडर लॉस करते है और 90% पूंजी शुरुआती 90 दिनों में ख़तम करके मार्केट से निकल जाते है।

Intraday trading rules: Planning

मार्केट सामान्यतः सोमवार से शुक्रवार तक खुलता है। खुलने का समय 9:15am होता है, लेकिन आपको अपना होमवर्क रात को करनी है। होमवर्क में:

  • नेक्स्ट डे ट्रेड के लिए स्टॉक की लिस्ट बनानी है।
  • लिस्ट के प्रत्येक स्टॉक का चार्ट एनालिसिस करना है।
  • सभी स्टॉक का एंट्री प्राइस, स्टॉपलॉस और प्रॉफिट नोट करके रखें।
  • इंट्राडे में प्रॉफिट और लॉस दोनों होता है, इसलिए आप कितना लॉस बर्दाश कर सकते है कॅल्क्युलेट कर लें।
  • एक दिन में कितना ट्रैड लेना है, यह फिक्स कर लें।

Intraday trading rules in Hindi: 5% पूंजी से ट्रेड

नए ट्रेडर को शुरुआत के एक महीने 5% पूंजी से ट्रेड करना की सलाह दी जाती है। एक महीने में 20-22 दिन ट्रैड करने का मौका मिलेगा। इसमें आपको कैपिटल बचते हुए ट्रैड करना है। यदि महीने के अंत तक 5% प्रॉफिट होता है, तो अगले महीने कैपिटल को 10% से बढ़ाना चाहिए।

यदि ट्रेडर के पास ट्रैड के लिए 50 हजार है, तो एक महीने तक सिर्फ 2500 रूपए से ट्रैड करना चाहिए। महीने के अंत तक कैपिटल 2625 रूपए से ज्यादा होता है, तो दूसरे महीने 5000+2625= 7625 रूपए से ट्रैड करना चाहिए। इस तरह एक महीने बाद- बाद 10-10 प्रतिशत कैपिटल बढ़ाना ठीक होता है।

यदि पहले महीने प्रॉफिट के बजाय लॉस होता है, तो कैपिटल में 2.5% ऐड करके ट्रैड करना होता है। ऊपर वाले उदाहरण अनुसार कैपिटल में 50 हजार का 2.5% यानि 1250 ऐड करके दूसरे महीने ट्रैड करना चाहिए।

प्रतिदिन ट्रैड में हुई गलती को एनालिसिस करें। चार्ट को एनालिसिस और गलती को लिखें। इससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।

इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम: Stoploss पर अड़े रहें

कोई ट्रेडर नहीं चाहता की ट्रैड में कैंडल स्टॉपलॉस को हिट करें, इसलिए वे स्टॉप लॉस को मॉडिफाई करते रहते है। इससे लॉस बढ़ता जाता है। परिणाम स्वरूप आपका सारा स्टर्ट्र्जी फ़ैल हो जाता है।

इसलिए ट्रैड में एंट्री लेते समय अपने जो स्टॉप लॉस सेट किया था, उसे मॉडिफाई न करें।

Intraday trading rules: चूल में ट्रैड ना लें

मार्केट ओपन होने से पहले सभी ट्रेडर अपना एंट्री प्राइस, स्टॉप लॉस और प्रॉफिट सब सेट करके रखते है, लेकिन मार्केट ओपन होने के बाद जब प्राइस तेजी से ऊपर- नीचे होता है, तो नया ट्रेडर पैनिक में आकर मार्किट प्राइस में ट्रैड एंट्री कर लेता है। इसके कारण सारी प्लानिंग फ़ैल हो जाती है। इसमें ट्रेडर को कभी आंशिक लाभ तो कभी बड़ा लॉस होता है।

इससे प्रॉफिट-लॉस रेश्यो बिगड़ जाता है। लम्बे समय में इससे आपको काफी कम प्रॉफिट होगा और लॉस की सम्भावना ज्यादा होती है।

इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम: ओवर ट्रेडिंग और बर्बादी

जब ट्रैड में लॉस होता है, तो नए ट्रेडर लॉस को कम करने के लिए फिर ट्रैड करते है। लॉस रिकवरी के आस में कई बार ट्रैड करते है। इसमें कई बार सफलता दिख सकता है। तो लॉस बड़ा भी हो सकता है।

इसे ओवर ट्रेडिंग कहते है। कितना ट्रैड करना है यह सफल ट्रेडर रात को फिक्स कर लेते है। इसमें लॉस हो या प्रॉफिट कुछ भी हो, उसके बाद ट्रैड नहीं करते। आपको भी यह सीखना चाहिए। अपने मन को काबू में रखना सीखें।

कई बार ज्यादा ट्रैड करने से पोजीशन में प्रॉफिट दिखेगा, लेकिन ब्रोकरेज ही प्रॉफिट से ज्यादा हो जाता है। ओवर ट्रेडिंग से ओवरआल ट्रेडर को लॉस ही होता है।

Intraday trading rules in Hindi: प्लान फेल्ड

कभी-कभी ट्रैड कैंडल आपके एनालिसिस के अनुसार काम नहीं करता। आपकी स्ट्रेटेजी ट्रैड पर अप्लाई नहीं होती। उस दिन ट्रैड करने से बचना चाहिए। लॉस करने से बेहतर है, ट्रैड ना करना।

Intraday trading rules: लगातार सीखते रहें

इंट्राडे ट्रेडिंग पैसों का पेड़ नहीं, बल्कि एक स्किल है। इसे आप जितना सीखेंगे और प्रैक्टिस करेंगे, उतना ज्यादा पैसा कमाएंगे। इसे आप यूट्यूब, बुक, दुसरो की गलती, पॉडकास्ट, इंटरव्यू इत्यादि से सीखते रहें।

इंट्रा डे ट्रेडिंग नियम: निष्कर्ष

इंट्राडे ट्रेडिंग एक अच्छा करियर विकल्प है। लाखों लोग इंट्राडे से अच्छा पैसा कमा रहे है। पैसे से पैसा बनाने का यह तरीका शानदार है। इंट्राडे से स्टूडेंट अपना पॉकेट मनी और ट्रेडर अपना परिवार का खर्चा आराम से निकाल रहे है।

किसी भी फिल्ड का आधा ज्ञान बहुत खतरनाक साबित होता है। आपने सोशल मीडिया और यूट्यूब इत्यादि में इंट्राडे से होने वाले फायदे को देखा है, लेकिन इंट्राडे में सिर्फ प्रॉफिट नहीं होता। यहाँ लॉस भी होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग में रिस्क भी होता है। ज्यादातर इंट्राडे ट्रेडर लॉस में ही होते है। इसके कई कारण है जैसे:

  • ज्यादा लालच,
  • धैर्य की कमी,
  • अनुशासन की कमी,
  • मन में काबू ना रख पाना,
  • सीखना बंद कर देना।

वर्त्तमान में यूट्यूब के इन्फ्लुएंसर अपना इनकम दिखते है। इससे काफी युवा ट्रेडिंग की और आकर्षित होते है। वास्तव में यह इन्फ्लुएंसर अपना कोर्स बेचने के लिए नया कस्टमर बनाते है। इंट्राडे में लगातार कोई प्रॉफिट नहीं कमा सकता। लेकिन ये यूटूबेर कभी भी लॉस पर चर्चा नहीं करते।

इंट्राडे ट्रेडिंग कभी भी उधार के पैसे या लोन ले कर ना करें। ट्रेडिंग उतने पैसे से करें, जो अतिरिक्त जेब में पड़ा हुआ हो। जिसके खो जाने पर भी आपको कोई फर्क नहीं पड़ता।

FAQ: Intraday trading rules in Hindi

इंट्राडे के लिए कितना मार्जिन मिलता है?

इंट्राडे में 5x मार्जिन मिलता है। 5x का मतलब आपको ट्रैड प्राइस का केवल 20% पूंजी लगेगा । जैसे किसी स्टॉक का प्राइस 50 हजार है, तो इसमें ट्रैड के लिए आपके पास 10 हजार होना चाहिए।

इंट्राडे का पैसा कब आता है?

यदि ट्रेडर इंट्राडे में प्रॉफिट करता है, तो उसे पैसा मार्किट क्लोज होने के बाद मिलता है। सामान्यतः शाम 6 बजे से 10 बजे रात तक पैसा मिल जाता है।

Hello friends, my name is Shubham Rakshit. I am a blogger and stock trader. I have been trading for many years and write my experience and trading knowledge on the blog. In this blog you will find answers to all questions related to trading in simple language.

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